स्रोतों के अनुसार, केन्द्रीय खाद्य प्रयोगशाला (सेन्ट्रल फ़ूड लैबोरेट्री- CFL) ने अपनी हालिया परीक्षण रिपोर्ट में यह घोषित किया है की जम्मू और कश्मीर राज्य में दुग्ध उत्पादन फ़ार्म से लिए गए नमूनों में से कुछ में डिटर्जेंट के साथ मिलावट पाई गयी है.
खैबर एग्रो फार्म्स जम्मू और कश्मीर राज्य में अग्रणी दुग्ध उत्पादन करने वाला फ़ार्म है, जो प्रतिदिन करीब 60 मीट्रिक टन दूध की आपूर्ति करता है, वह CFL द्वारा दूध के मिलावट की जांच में असफल पाया गया.
श्रीनगर नगरपालिका निगम को सौंपी गयी CFL की हालिया रिपोर्ट ने यह बताया है की खैबर के दुग्ध स्रोतों में डिटर्जेंट है और ये मानव उपभोग के लिए उचित नहीं है
इसे एक गंभीर मामला मानते हुए, स्थानीय जिला प्रशासन वरिष्ठ खाद्य अधिकारियों के साथ मिलकर कड़े कदम उठाने की योजना बना रहे हैं और वे कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही भी कर सकते हैं. अधिकारी जल्द ही CFL द्वारा बताई गयी जानकारी को आम जनता के साथ साझा करेंगे.
खैबर पिछले वर्ष तब ख़बरों में आया था जब उसके टोंड दूध के नमूने केन्द्रीय खाद्य प्रयोगशाला द्वारा परीक्षण किए जाने पर असुरक्षित तथा गैर मानकीय पाए गए थे तथा FSS अधिनियम 2006 के प्रावधानों के अंतर्गत उनपर काफी दंड लगाया गया था.
दूध में मिलावट केवल जम्मू और कश्मीर के लिए ही चिंता का विषय नहीं है, बल्कि यह पूरे देश में दूध की अत्यधिक मांग के चलते पूरे देश के लिए चिंता का विषय है. दूध हमारे शरीर के लिए आवश्यक पोषण प्रदान करने वाला एक महत्वपूर्ण स्रोत है. दूध में मिलावट करने वाले कुछ आम तत्व हैं: क- पानी, ख- मांड, ग- यूरिया, घ- वनस्पति, च- अमोनियम सल्फेट, छ-सोडियम कार्बोनेट ज- हाइड्रोजन पेरोक्साइड झ- फोर्मालिन.
दूध में डिटर्जेंट को मिलाने से फ़ूड पोइजनिंग और अन्य पेट संबंधी जटिलताओं का ख़तरा हो सकता है. दूध में मौजूद यूरिया से आपकी आँतों को और पाचन तंत्र को नुकसां पहुँच सकता है. दूध में मौजूद फोर्मालिन से आपके शरीर के अंग काम करना बंद कर सकते हैं
FSSAI ने इस बारे में जानकारी जारी की है कि कैसे कोई भी व्यक्ति दूध तथा दुग्ध उत्पादों में मिलावट को घर पर तथा परीक्षण प्रयोगशाला में जांच सकता है.
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