खाद्य तथा औषधि प्रशासन (The Food and Drug Administration [FDA]), ने समय समय पर होटल और खानपान प्रतिष्ठानों के लिए उन राज्यों में निरीक्षण अभियान आरम्भ किए हैं जहां से वे संचालित हो रहे हैं ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि सभी पंजीकृत या लाइसेंस धारक होटल और खानपान प्रतिष्ठान सभी नियमों और मानकों का पालन कर रहे हैं.
खाद्य सुरक्षा तथा मानक अधिनियम 2006 यह बताता है कि अब किसी भी खानपान प्रतिष्ठान जैसे रेस्टोरेंट/होटल जिसकी कुल आय सालाना 12 लाख से अधिक है, उसके लिए लाइसेंस हासिल करना अनिवार्य है. लाइसेंस का शुल्क रु. 2000 प्रतिवर्ष है. जबकि दूसरी ओर वे खानपान प्रतिष्ठान जिनकी सालाना आय रु. 12 लाख तक है, उन्हें किसी भी तरह के लाइसेंस की जरूरत नहीं है लेकिन उनके लिए अपने व्यापार का पंजीकरण 100 रु. के नाम मात्र के शुल्क के साथ कराया जाना अनिवार्य है. नाशिक संभाग में इस समय करीब 60,473 पंजीकृत व्यापार तथा 17,701 लाइसेंस धारक व्यापार हैं.
नाशिक में 2015 में कुम्भ मेले का आयोजन किया जाएगा, और इस पवित्र शहर में भारी संख्या में श्रद्धालु आने की उम्मीद है. यही कारण कि FDA (नाशिक संभाग) अगले माह से सभी होटल और खान पान प्रतिष्ठान का निरीक्षण करने के लिए तैयार है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि भोजन की गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा सके.
निरीक्षण अभियान नाशिक के सभी पांच जिलों में चलाया जाएगा जैसे नाशिक, अहमदनगर, जलगांव, धुले और नंदरबार. खाद्य प्राधिकरण का कहना है कि अगर कोई भी खानपान प्रतिष्ठान खाद्य सुरक्षा तथा मानक प्राधिकरण 2006 के अनुसार स्वच्छता तथा सफाई स्थितियों की शर्तों का उल्लंघन करते हुए जैसे गंदी रसोई तथा भोजन का कुप्रबंधन या उपभोक्ताओं को खराब गुणवत्ता का भोजन परोसते हुए करते हुए पाया जाता है, यदि निरीक्षण दल को पता चलता है कि होटल व खानपान प्रतिष्ठान के पास उनके द्वारा खरीदे गए कच्चे माल के बिल नहीं हैं, तो खान पान के प्रतिष्ठानों के साथ कड़ाई से निपटा जाएगा.
इससे पूर्व अभियान में FDA ने कई खानपान प्रतिष्ठानों को नोटिस भेजे हैं, जहां पर भी उन्हें लगा कि मानकों का पालन नहीं हुआ है और कच्चे माल के आपूर्तिकर्ताओं से इन प्रतिष्ठानों ने बिल नहीं भरा है.
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